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क्या 10 अप्रैल की झारखंड बंदी भाजपा के 11 अप्रैल के घेराव में बनेगी बाधा, कैसे पहुंचेंगे दूर-दराज से कार्यकर्ता 

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द फॉलोअप डेस्कः 
60/40 नियोजन नीति के खिलाफ झारखंड के छात्रों ने 10 अप्रैल को राज्य बंद का ऐलान किया हैं। बीते दिनों झारखंड बजट सत्र के आखिरी दिन 23 मार्च को सुरक्षा बलों ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था। आंसू के गोले बरसाए थे। इसके बाद से झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन फिर से एकजुट होकर मुख्यमंत्री आवास को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। 10 अप्रैल को छात्रों द्वारा झारखंड बंद के ऐलान किया है। जिसका विभिन्न संगठनों ने समर्थन किया है। 10 अप्रैल को झारखंड बंद अगर रहा तो जाहिर सी बात है गाड़ी मोटर का परिचालम भी ठप रहेगै। इधर 11 अप्रैल को झारखंड भारतीय जनता पार्टी बड़ा आयोजन करने जा रही है।  32 हजार गांवों से 11 अप्रैल को रांची में पार्टी के कार्यकर्ता जुटेंगे। हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ घेराव का कार्यक्रम करेंगे। सरकार को उनका वादा याद दिलाएंगे। लेकिन इसी बीच एक सवाल यह उठ रहा है कि क्या 10 अप्रैल वाला झारखंड बंद, 11 अप्रैल के भाजपा के घेराव में खलल डाल सकता है। दरअसल 11 अप्रैल को भाजपा ने प्रोजेक्ट भवन घेरने का कार्यक्रम तय किया है। उसके लिए उन्होंने 32 गांव से कार्यकर्ताओं को बुलाया है। ऐसे में दूर-दूर में रहने वाले भाजपा कार्यकर्ता एक दिन पहले ही गाड़ी पकड़ कर राजधानी रांची पहुंचेंगे। लेकिन सवाल यह है कि 10 अप्रैल को झारखंड बंद है उस दिन किसी तरह की गाड़ी मोटर नहीं चलेगी तो दूरदराज के कार्यकर्ता राजधानी पहुंचेंगे कैसे। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि छात्रों के 10 अप्रैल की बंदी बीजेपी के घेराव कार्यक्रम में बाधा बन सकती है। जिनके पास अपनी गाड़ी होगी वह तो 11 अप्रैल की सुबह भी रांची पहुंच जाएंगे। लेकिन जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर हैं उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।  


32 हजार गांवों से लोग पहुंचेंगे 
बता दें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की अध्यक्षता में सोमवार को रांची में पार्टी बूथ लेवल की बैठक हुई। उन्होंने बताया कि  11 अप्रैल को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय का घेराव कार्यक्रम किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इस घेराव प्रदर्शन में राज्य के 32 हजार गांवों से बीजेपी कार्यकर्त्ता रांची पहुंचेंगे। घेराव प्रदर्शन के माध्यम से हेमंत सरकार को उनके चुनावी वायदों की याद दिलायी जाएगी। भाजपा अध्यक्ष ने जनप्रतिनिधियों से भी आह्वान किया कि पार्टी के कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो, क्योंकि संगठन और जनप्रतिनिधि एक सिक्के के दो पहलू हैं।